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इस देश की औरतें होती हे हद से ज्यादा खूबसूरत, 75 की उम्र में भी 25 साल जितनी खूबसूरत दिखती हैं, जानिए क्या हे वजह

Hunza Community:

Hunza Community: दरअसल, हम यहां बात कर रहे हैं पाकिस्तान के हुंजा समुदाय की। यह समुदाय उत्तरी पाकिस्तान के काराकोरम पहाड़ियों में हुंजा घाटी के नाम से जाना जाता है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यहां के लोगों की औसत उम्र 100 साल से ज्यादा है। यहां के ज्यादातर लोग 120 साल तक जीवित रहते हैं। इसके अलावा खबरों के मुताबिक यहां के लोगों को कभी भी कैंसर या दिल की गंभीर बीमारियां नहीं होती हैं। इसके पीछे का कारण हुंजा समुदाय की स्वस्थ जीवनशैली और खान-पान को बताया जाता है।

बढ़ती उम्र के साथ शरीर पर कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जैसे 30 की उम्र के बाद ज्यादातर महिलाओं की त्वचा पर महीन रेखाएं, झुर्रियां, झुर्रियां होने की संभावना अधिक होती है। पुरुषों का शरीर कमजोर होने लगता है, साथ ही पुरुषों और महिलाओं दोनों के बाल सफेद होने लगते हैं। उम्र के साथ ऐसे लक्षण दिखना आम बात है। लेकिन, एक समुदाय ऐसा भी है जहां 80 साल की महिलाएं 30-40 साल की उम्र में भी उतनी ही खूबसूरत और जवान दिखती हैं। वहीं इस समुदाय के पुरुष 90 की उम्र में भी शारीरिक और मानसिक रूप से काफी मजबूत रहते हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं-

हुंजा कम्युनिटी के लोग एक स्वस्थ और उत्तम जीवनशैली अपनाते हैं जो उन्हें लंबी और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करती है। कुछ मुख्य वजहें निम्नलिखित हैं:

  1. स्वस्थ आहार: हुंजा कम्युनिटी के लोग स्वस्थ और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। उनका आहार मुख्य रूप से अधिक पौष्टिक फल, सब्जियां, अनाज, नट्स, द्रव्य पदार्थों, जानवरों के दूध और मछली से भरा होता है। यह उन्हें उम्र बढ़ने के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है।

  2. व्यायाम: हुंजा कम्युनिटी के लोग नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करते हैं, जैसे कि पैदल चलना, चारसी, पहाड़ी क्षेत्रों में सैर करना आदि। यह उनके स्वास्थ्य और तंदरुस्ती को बनाए रखने में मदद करता है और उन्हें उम्र बढ़ते समय भी जवां और फिट रहने में सक्षम बनाता है।

  3. नैतिक और धार्मिक आधार: हुंजा कम्युनिटी के लोगों के जीवन में नैतिक और धार्मिक आधार होता है। वे संतुलित और शांति से भरे जीवन जीने के लिए धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य और तंदरुस्ती को बनाए रखने में मदद करता है।

  4. प्राकृतिक चिकित्सा: हुंजा कम्युनिटी में प्राकृतिक चिकित्सा तकनीकों का उपयोग होता है, जैसे कि जड़ी-बूटियों, जड़ों और पेड़-पौधों के गुणों का उपयोग करके रोगों के इलाज में। यह उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।

यहां मुख्य रूप से जौ, बाजरा, कुट्टू और गेहूं खाया जाता है। सब्जियों में लोग आलू, मटर, गाजर और शलजम खाना पसंद करते हैं. इन सबके अलावा हुंजा घाटी के लोग एक खास तरह की चाय पीते हैं, जो ग्रीन टी या लेमन टी से कई गुना ज्यादा फायदेमंद होती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां के लोग खास मौकों पर ही मांस आदि का सेवन करते हैं और ज्यादा तले-मसालेदार खाने से भी दूर रहते हैं। इस प्रकार यहां के लोग बेहद कम बीमार पड़ते हैं और लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं। इस समुदाय पर कई लोगों ने किताबें लिखी हैं. इनमें जेआई रोडल की 'द हेल्दी हंजास' और डॉ. शामिल हैं। जो क्लार्क की 'द लॉस्ट किंगडम ऑफ द हिमालयाज' प्रसिद्ध है।

क्या राज हे?

हुंजा समुदाय में बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों के लिए सुबह 5 बजे उठना और घूमना रिवाज है। ऐसा कहा जाता है कि समुदाय दिन में केवल दो बार भोजन करता है, पहला मील वे दोपहर 12 बजे लेते हैं और फिर दूसरा रात के समय। यहां रहने वाले लोग पाकिस्तान के अन्य समुदायों की तुलना में कहीं अधिक शिक्षित हैं। उनका खाना भी पूरी तरह से स्वास्थ्यवर्धक होता है. यहां के लोगों के लिए कीटनाशक छिड़ककर खेती करना या किसी भी तरह के फल, सब्जियां और अनाज उगाना प्रतिबंधित है। इस प्रकार वे केवल प्राकृतिक भोजन का ही सेवन करते हैं।

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