नए कानून में बदले गए 18 साल के नीचे पत्नी के साथ सेक्स पर नियम: जानिए क्या है बदलाव
Rules on sex with wife under 18 changed in new law: नवीनतम घटनाओं ने भारतीय कानून में बदलाव की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम लिया है, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल पेश किए। इसमें सबसे चर्चित बदलाव उनके प्रस्तावित नियमों में से एक है, जिसमें धारा 375 के तहत बदलाव किया जा रहा है। इस लेख में हम आपको नए कानून के बारे में विस्तार से बताएंगे और आपको उसके महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
18 साल की न्यूनतम उम्र: नए कानून के अनुसार, पत्नी की उम्र अब 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है, जिससे पत्नी की स्थिति और समर्थन में सुधार होगा। यह पहलू स्पष्ट रूप से यौन अपराधों को रोकने की दिशा में बड़ा कदम है, जैसा कि Pocso में भी है, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए कठोर मानकों की ओर एक कदम बढ़ाता है।
नए नियम के प्रमुख पहलु: नए कानून में कुछ मुख्य पहलू निम्नलिखित हैं:
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मृत्युदंड और कारावास: नए कानून में, बलात्कार के बाद महिला की मृत्यु हो जाती है या वह मृत्युस्थिति में पहुंचती है, तो दोषी को कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी और यह आजीवन कारावास तक बढ़ा सकती है।
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दुष्कर्म पर सजा: अब 12 साल से कम उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले को भी कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी और यह उनके शेष जीवन तक बढ़ सकती है।
नए कानून के प्रमुख उद्धरणों में यह स्पष्ट होता है कि समाज की सुरक्षा और महिला सुरक्षा को महत्वपूर्णता दी जा रही है। यह उदाहरण भारतीय कानून व्यवस्था में सुधार के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यौन अपराधों को रोकने की दिशा में जरूरी है।
नए कानून में बदलाव के माध्यम से, 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ सेक्स पर सख्त नियम लागू किए गए हैं। यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि यौन अपराधों को रोका जा सके और महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा मिले। यह कदम भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है जो उचित और समर्थन में स्थित है।
नए कानून में किए गए बदलाव ने 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ सेक्स पर सख्त नियम लागू किए हैं, जो महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। यह परिवर्तन भारतीय कानून में एक महत्वपूर्ण कदम है जो यौन अपराधों को रोकने में मदद करेगा।