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Haryana : "हरियाणा में 509 स्कूलों का नाम बदलकर शहीदों को समर्पित, एक नई शिक्षा की शुरुआत"

Haryana

Times Of Discover चंडीगढ़ : हरियाणा की शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे राज्य के 509 सरकारी स्कूलों की पहचान अब नए दिशानिर्देश में बदल जाएगी। इन स्कूलों को अब शहीदों के नाम से जाना जाएगा, जो एक गर्वपूर्ण प्रयास है उन वीर शहीदों की याद को जिन्होंने अपने जीवनों की बलिदान के साथ देश की सेवा की। 14 अगस्त से राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के सभी रिकॉर्ड में और वेबसाइट पर यह नामकरण बदलकर शहीदों के नाम पर हो जाएगा।

शहीदों के नामकरण: एक समर्पण की निशानी हरियाणा की 509 सरकारी स्कूलों के नाम में यह बदलाव एक समर्पण की निशानी है जो हमारे वीर शहीदों के प्रति एक समर्पितता का प्रतीक है। इस नए कदम से हरियाणा की युवा पीढ़ी को उन महान व्यक्तियों के बलिदान के प्रति समर्पित होने की भावना समझाई जाएगी। यह स्कूलों के छात्रों को न केवल शिक्षा प्राप्त करने का माध्यम प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें देश के वीरों के साहस और सेवाभाव की प्रेरणा भी देगा।

जिलों में नामकरण का विवरण: नए नामकरण की प्रक्रिया के अनुसार, सबसे ज्यादा रेवाड़ी जिले के 94 स्कूलों का नाम बदला जाएगा, जिससे यह जिला नवाचार की मुख्य धारा बनेगा। भिवानी जिले के 85 स्कूल और जींद जिले के 61 स्कूल भी इस नए पहलू का हिस्सा होंगे। इसके अलावा, अन्य जिलों में भी सरकारी स्कूलों के नाम शहीदों के नाम पर बदले जाएंगे।

जिला स्कूलों की संख्या
रेवाड़ी 94
भिवानी 85
जींद 61
पलवल 38
रोहतक 36
चरखी दादरी 28

इस प्रकार, हर जिले में शहीदों के नामों पर स्कूलों के नामकरण का काम किया गया है, जिससे शहीदों की यादें हमेशा ताजगी बनी रहेंगी।

कुंजी उद्धरण: दुष्यंत चौटाला ने इस महत्वपूर्ण कदम को एक योगदान के रूप में देखा है और उन्होंने इसे शहीदों की सेवा और बलिदान का प्रतीक माना है। यह पहल न केवल शिक्षा क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगी, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को देशप्रेम और समर्पण की महत्वपूर्ण सीख देगी।

हरियाणा की 509 सरकारी स्कूलों के नामकरण में शहीदों के नाम पर बदलाव एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश के वीरों की समर्पण और बलिदान के प्रति महत्वपूर्ण संकेत के रूप में है। यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत है, जो हमें अपने वीर शहीदों के समर्पण और बलिदान की महत्वपूर्ण यादों को बनाए रखने की आवश्यकता है।

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