Electronic Bus: वायु प्रदूषण कम करने के लिए पटना में 1अक्टूबर से डीजल वाली सिटी बसें होंगी बंद, पूरे राज्य मे 2 हजार से आधिक आएगी इलेक्ट्रॉनिक बस
Electronic Bus: वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए राज्य में डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। पटना में सितंबर के बाद डीजल से चलने वाली 200 सिटी बसें बंद हो जाएंगी
एक अक्टूबर से अगर ये बसें सड़कों पर दिखीं तो जुर्माने के साथ इन्हें जब्त कर लिया जाएगा। इसके बाद पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5,000 डीजल से चलने वाली स्कूल बसों और वैन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
पटना डीटीओ श्रीप्रकाश ने जिले के सभी स्कूल संचालकों को डीजल बसों को सीएनजी में बदलने को कहा है. पटना के बाद गया और मुजफ्फरपुर में भी डीजल स्कूल बसों पर रोक लगेगी.
7.50 लाख का अनुदान
बिहार स्वच्छ ईंधन (सिटी बस प्रोत्साहन) योजना के तहत डीजल बसों की जगह नई सीएनजी बसें खरीदने पर 30% सब्सिडी या अधिकतम 7.50 लाख रुपये मिलेंगे।
लाभ: 30-35% कम कार्बन उत्सर्जन
डीजल बसों की तुलना में सीएनजी बसें 30-35 प्रतिशत तक कम कार्बन-संबंधित गैसों का उत्सर्जन करती हैं। एक लीटर डीजल से बस 5.5 किमी तक चलेगी जबकि एक किलो सीएनजी से बस 7.5 से 8 किमी तक चलेगी।
तीसरी बार बढ़ाई गई तारीख
राज्य कैबिनेट ने 2019 में फैसला लिया था कि 31 जनवरी से पटना नगर निगम क्षेत्र के साथ-साथ दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ में डीजल गाड़ियां नहीं चलेंगी. बाद में समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी गई। अब नई तारीख 30 सितंबर है.
एक लीटर डीजल में 720 ग्राम कार्बन
प्रदूषण नियंत्रण विशेषज्ञ रविरंजन सिन्हा के मुताबिक, एक लीटर डीजल में 720 ग्राम कार्बन होता है. इसके दहन से लगभग 2.6391 किलोग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होता है।
गया-मुजफ्फरपुर में 15 साल पुराने ऑटो बंद
अक्टूबर से गया और मुजफ्फरपुर में 15 साल से अधिक पुराने डीजल ऑटो वाले व्यावसायिक तिपहिया वाहनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा सीएनजी चालित ऑटो को बढ़ावा दिया जाएगा।