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UPI को मिला जबरदस्त Boost, नकद लेनदेन के साथ डिजिटल ट्रांजेक्शन मे तेजी

7 years of demonetisation:

7 years of demonetisation: आज से ठीक 7 साल पहले 7 नवंबर 2016 को देश के प्रधानमंत्री ने देश के सभी नागरिकों के लिए एक अहम घोषणा की थी। इस घोषणा में पीएम नरेंद्र मोदी (नरेंद्र मोदी) ने कहा कि देश में सभी 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए हैं. इसका मतलब यह हुआ कि अब नोटों का इस्तेमाल किसी भी लेन-देन के लिए नहीं किया जाएगा। ये फैसला काले धन पर लगाम लगाने के लिए था. नोटबंदी (नोटबंदी 7 साल) को 7 साल हो गए हैं।

इस विमुद्रीकरण निर्णय के कारण यूनिफ़ाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI) की शुरुआत हुई। UPI ने लेनदेन प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल दिया है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे यूपीआई ने लेनदेन प्रक्रिया में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


यूपीआई की अहम भूमिका
आज यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) का इस्तेमाल शहरी के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंच गया है। अगर हम बात करें तो COVID-19 से पहले UPI पेमेंट केवल बड़ी सेवाओं या बड़े पेमेंट के लिए होता था। लेकिन, अब 5 रुपये की टॉफी के लिए भी यूपीआई से भुगतान करना काफी आसान है। इस साल जारी एक डेटा से पता चलता है कि मई 2023 तक भारत में कुल खुदरा डिजिटल भुगतान के 78 प्रतिशत से अधिक के लिए यूपीआई का उपयोग किया जाता है। दूसरी ओर, UPI ने 11.4 बिलियन (लगभग 1,140 करोड़ रुपये) लेनदेन को पार कर लिया है।

इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि अब 3 में से 2 लोग आसानी से यूपीआई के जरिए भुगतान कर देते हैं। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भी लॉन्च की गई है। सीबीडीसी ने ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया को बहुत आसान बना दिया है।

देश में ऑनलाइन पेमेंट प्रक्रिया में तेजी आने का असर नकद लेनदेन पर पड़ रहा है। देश में नकद लेनदेन की संख्या में काफी गिरावट आई है। सवाल उठता है कि अब देश में नकद लेनदेन के लिए किन सेवाओं का उपयोग किया जाता है।

जहां नकद लेनदेन का उपयोग किया जाता है
हालांकि देश में डिजिटल भुगतान के आंकड़ों में वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन कई जगहों पर लोग अभी भी नकदी में लेनदेन करते हैं। उदाहरण के लिए किराने की दुकान पर छोटे भुगतान के लिए या यहां तक ​​कि कई छोटे शहरों में नकद लेनदेन होता है। इसके अलावा, आज भी कई रिक्शा मालिकों के पास यूपीआई भुगतान की सुविधा नहीं है, इसलिए इसका लेनदेन भी नकद में ही किया जाता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 1 साल में 80 फीसदी से ज्यादा लोग किराने का सामान, बाहर खाने-पीने या कई सेवाओं के लिए नकद लेनदेन करते हैं। इस बीच, गैजेट खरीदारी में नकद लेनदेन की संख्या में गिरावट देखी गई है। दूसरी ओर, नकदी का उपयोग अभी भी बाल काटने, घरेलू नौकरों को भुगतान करने, एसी की मरम्मत कराने आदि जैसी सेवाओं के लिए किया जाता है।

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