UP industrial city : 47 साल बाद मिलने जा रही है यूपी को एक और औद्योगिक शहर की सौगात, सरकार 6312 करोड़ की लागत से करेगी इन जमीनों का अधिग्रहण
UP industrial city : यूपी के विकास के लिए योगी सरकार (Yogi Goverment) एक के बाद एक बड़े कदम उठा रही है। प्रदेश में एक्सप्रेसवे (Expressway) का जाल बिछाने के बाद अब वह नया शहर बसाने जा रही है। नए शहर को नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर बसाने की तैयारी है, जिसमें विश्व स्तरीय जीवनशैली वाले लोगों के लिए रोजगार के भरपूर अवसर होंगे।
सरकार ने कहा कि नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखण्ड में नया औद्योगिक शहर बसाया जाएगा। सरकार ने इसके लिए 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का आवंटन किया है. परियोजना के पहले चरण में झाँसी के 33 राजस्व गाँवों की 35,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा और औद्योगिक शहर की स्थापना की जाएगी। भूमि अधिग्रहण के लिए सरकार ने 6,312 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं.
47 साल बाद नए शहर को मिली मंजूरी-
इससे पहले 1976 में उत्तर प्रदेश में औद्योगिक शहर नोएडा बनाने का फैसला लिया गया था. अब 47 साल बाद नया शहर बसाने का फैसला लिया गया है. इस फैसले से बुन्देलखण्ड के जिले विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे, बुनियादी ढांचे के साथ रोजगार के असीमित अवसर पैदा होंगे।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने औद्योगिक क्षेत्र विस्तार एवं नवीन औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना के तहत झांसी में भी बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीआईडीए) द्वारा नोएडा की तर्ज पर नई औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक फैसले से बुन्देलखण्ड के बहुमुखी विकास को गति मिलेगी। झाँसी के आसपास के क्षेत्र का बड़े पैमाने पर विकास किया जाएगा। इसके जरिए कुल 14,000 हेक्टेयर जमीन पर औद्योगिक शहर विकसित करने की योजना है.
यहां बसेगी औद्योगिक नगरी-
नोएडा की तर्ज पर नया औद्योगिक शहर झाँसी-ग्वालियर मार्ग पर प्रस्तावित है जो राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से देश के प्रमुख शहरों से भी जुड़ा होगा। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 27 से जालौन जिले से गुजरने वाले बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ जाएगा और राज्य के अन्य शहरों से भी अच्छी तरह जुड़ जाएगा। बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अन्तर्गत टाउनशिप सहित औद्योगिक स्थापना हेतु सभी आवश्यक सुविधाएँ यहाँ सम्मिलित की जायेंगी। इसके बनने से क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा और बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा। इससे सरकार का एक ट्रिलियन इकोनॉमी बनने का संकल्प पूरा होगा।