ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की हुई मोज, महज इतने मिनट में तय करेंगे 3.85 किमी आने वाला है देश का पहला रोपवे
Varanasi News: वाराणसी, भारतीय संस्कृति और धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र है, और अब यह शहर एक नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। वाराणसी में 2024 तक देश का पहला रोपवे आने वाला है, जिससे यातायात होगा सुगम और सुचारू। इस परियोजना के माध्यम से वाराणसी के निवासियों और पर्यटकों को वाराणसी के प्रमुख स्थलों तक बिना प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण के साथ यात्रा करने का मौका मिलेगा।
काशी में यातायात को आसान और सुगम बनाने के लिए देश का पहला रोपवे 2024 तक वाराणसी में चालू हो जाएगा। परियोजना का पहला चरण, जो वाराणसी को रोपवे सक्षम बनाएगा, दो खंडों में बनाया जा रहा है। पहले खंड के निर्माण के बाद रथयात्रा और दूसरे खंड के निर्माण के बाद पर्यटक गोदौली तक यात्रा कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 807 करोड़ रुपये की लागत से देश की पहली सार्वजनिक परिवहन परियोजना की आधारशिला रखी थी.
काशी में यातायात को तेज करने के लिए रोप-वे का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। पहले खंड का निर्माण मार्च 2024 तक पूरा करने का प्रस्ताव है, जिसका परीक्षण जुलाई तक चलेगा। कैंट स्टेशन से रथयात्रा रास्ते में तीसरा प्लेटफार्म होगा। यात्री कैंट रेलवे स्टेशन से रथयात्रा तक बिना वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण के करीब 10 मिनट में सफर कर सकेंगे।
वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौली चौराहे तक पांच स्टेशन होंगे, जिनमें कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, चर्च और गोदौली चौराहा शामिल हैं। रोपवे की कुल दूरी 3.85 किमी है जो लगभग 16 मिनट में तय की जाएगी।
इस दिलचस्प परियोजना के तहत, रोपवे की शुरुआत कांत रेलवे स्टेशन से होगी और इसका अंत गोदौलिया चौराहे तक होगा। इस रोपवे के कुल पांच स्टेशन होंगे, जिनमें कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्र, गिरजाघर, और गोदौलिया चौराहे शामिल हैं। यह स्टेशन वाराणसी के प्रमुख स्थलों को जोड़ेंगे और यात्रीगण को इन स्थलों तक पहुंचाने में मदद करेंगे।
रोपवे की कुल दूरी 3.85 किलोमीटर है, और यह सिर्फ लगभग 16 मिनट में यात्रा को पूरा करेगा। यात्री बिना किसी वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण के साथ वाराणसी के प्रमुख स्थलों तक यात्रा कर सकेंगे, जो न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि यह भी एक पर्याप्त यातायात समाधान पेश करेगा।