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इस शहर मे टोल वसूल के नाम पर वाहन चालकों को 132 करोड़ का चूना, CAG की रिपोर्ट मे पर्दाफाश, फटाफट जाने पूरा मामला

132 crore lime imposed on the public by collecting more tolls:

132 crore lime imposed on the public by collecting more tolls: भारतीय सड़कों पर टोल वसूली के मामले में एक नई रिपोर्ट ने गांवों से शहरों तक के लाखों यातायातियों को 132 करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली के गंभीर मामले को उजागर किया है। यह वसूली नियमों का उल्लंघन करके की गई है, जिसका खुलासा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) के प्रतिवेदन में किया गया है।यह रिपोर्ट एक बार फिर से टोल वसूली के मामले में गड़बड़ियों की मात्रा को उजागर करती है, और सरकार के तरफ से नियंत्रण और प्रशासन में सुधार की आवश्यकता को दर्शाती है। यातायातियों को सुरक्षित और सुविधाजनक सड़क परियोजनाओं के लिए स्थायी नियमों की पालना गरंटी देने की आवश्यकता है ताकि उनके पैसे की सही उपयोग किया जा सके।

रिपोर्ट के अनुसार

रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण भारत में टोल परिचालन के दौरान टोल कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन करके जनता से 132 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की है। यह गड़बड़ी उस समय की है जब सड़कों पर सुधार कार्य चल रहे थे और विलंबित समय सीमा में टोल नहीं लिए जाने का आदेश जारी किया गया था।

इसके बावजूद, तीन टोल प्लाजा - नाथावालासा, चलगेरी, हेब्बालू पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने आम जनता से अधिक टोल वसूला। इसके परिणामस्वरूप, 2020 मई से 2021 मार्च तक 124.18 करोड़ रुपए का शुल्क टोल प्लाजा के उपयोगकर्ताओं से वसूला गया।

अवैध वसूली के आरोप

रिपोर्ट के अनुसार, परनूर टोल प्लाजा के मामले में तोल कंपनियों द्वारा अवैध वसूली का आरोप है। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने 2011 में राष्ट्रीय राजमार्ग संशोधन नियम के तहत प्रमुख मार्गों पर टोल शुल्क में कटौती की थी और आम जनता को राहत दी थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण भारत में टोल वसूली के लिए पांच राज्यों के 37 राजमार्गों के टोल प्लाजा का चयन किया गया था। इन राजमार्गों में 0.27 लाख किलोमीटर मार्ग दक्षिण भारत के राज्यों में हैं।

महत्वपूर्ण बातें

  • टोल वसूली के मामले में CAG की रिपोर्ट ने 132 करोड़ रुपए से अधिक की गड़बड़ी का खुलासा किया है।
  • दक्षिण भारत में सड़कों के सुधार कार्यों के दौरान विलंबित समय सीमा में टोल नहीं लिए जाने का आदेश था, लेकिन टोल प्लाजा पर अवैध वसूली का मामला सामने आया।
  • प्रमुख मार्गों पर टोल शुल्क में कटौती की गई थी, लेकिन अवैध वसूली के कारण जनता से 132 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली हो गई।

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